THE BEST SIDE OF BAGLAMUKHI SHABHAR MANTRA

The best Side of baglamukhi shabhar mantra

The best Side of baglamukhi shabhar mantra

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जातवेद-मुखीं देवीं, देवतां प्राण-रूपिणीम् । भजेऽहं स्तम्भनार्थं च, चिन्मयीं विश्व-रूपिणीम् ।।

उद्यत्-सूर्य-सहस्त्राभां, मुण्ड-माला-विभूषिताम् । पीताम्बरां पीत-प्रियां, पीत-माल्य-विभूषिताम् ।।

श्री – सिंहासन – मौलि-पातित-रिपुं प्रेतासनाध्यासिनीम् ।।

तां खेचरां स्मेर-वदनां, भस्मालङ्कार-भूषिताम् । विश्व-व्यापक-तोयान्ते, पीत-पद्मोपरि-स्थिताम् ।।

अब उसके पैरों पर जल धीरे-धीरे डालते हुए मन में भावना करे मैं माँ के पैरों को अच्छे से साफ कर रहा हूँ फिर उसे तौलिए से पोछ कर, नई चप्पल पहनाए तथा पीला भोग अपने हाथ से खिलाए व उसे ध्यान से देखे कभी-कभी कन्या का पैर या चेहरा पीले रंग में दिखने लगता है। भोग लगाने के बाद उसे कुछ देर बैठा रहने दें व स्वयं मन ही मन प्रार्थना करें

People today in professions like legal professionals, politicians, spiritual leaders, and speakers with excellent speeches can chant the Baglamukhi mantra to read more demolish folks who lead to damage. These kinds of is definitely the effects of the mantras. The influence of Baglamukhi mantras will also be observed of their communication abilities.

Shabar Mantras are robust prayers derived from Indian people traditions. They are demonstrated to generally be efficient in accomplishing numerous needs, healing, and spiritual advancement.

यदि आप निरपराधी हैं और शत्रु आप पर लगातार तंत्र का दुरूपयोग कर आप को परेशान कर रहा है, तब माँ के दंड विधान प्रयोग करने में विलम्ब न करें, जब तक दुष्ट  को उसकी दुष्टता का दंड नहीं मिल जाता, वह अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करता ही रहता है।

These mantras have been intended to empower normal persons and provide them that has a immediate route to spirituality, bypassing the complexities of standard rituals.

कम्बु-कण्ठीं सु-ताम्रोष्ठीं, मद-विह्वल-चेतसाम् ।

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ऋषि श्रीनारद द्वारा उपासिता श्रीबगला-मुखी

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा ।

जिह्वाग्रमादाय कर-द्वयेन, छित्वा दधन्तीमुरु-शक्ति-युक्तां।

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